क्या वाजिब है ‘आदिपुरुष’ में राम और रामायण का ऐसा ट्रांसफॉर्मेशन?

साउथ के सुपरस्टार प्रभास और कृति सेनन की फिल्म ‘आदिपुरुष’ के लेखक मनोज मुंतशिर ने पांच विवादित संवादों को फिल्म से हटाने का निर्णय ले लिया, लेकिन इतने भर से क्या मामला शांत हो जाएगा, ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है क्योंकि ज्यादातर शिकायतकर्ताओं और नाराज दर्शकों का कहना है कि पूरी फिल्म में राम, सीता, हनुमान, रावण और पूरी रामायण का जिस तरह का ट्रांसफॉर्मेशन हुआ है वह हमारी प्रचलित आस्था के खिलाफ है। फिल्म की कहानी कहने की शैली, पात्रों की कपड़े, सेट, कलर आदि लोगों की भावनाओं के ठेस पंहुचा रहे हैं।

वैसे विवाद और ट्रोल के बाद तमाम टीवी चैनलों पर सवालों के जवाब देने आए फिल्म के संवाद लेखक मनोज मुंतशिर ने इस ट्रांसफॉर्मेशन को लेकर अपना मकसद साफ कर दिया है। उनका कहना है कि आदिपुरुष बच्चों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। हमारी नई पीढ़ी कि बच्चे अपने राम और हनुमान को पहचानें। वे नकली सुपरमैन की दुनिया से बाहर निकलें। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि उनके सामने राम और हनुमान को भी उसी टेंपरामेंट में प्रस्तुत किया जाये जैसे वे देखना पसंद करते हैं।
किसी भी देश के ऐतिहासिक और मिथकीय या धार्मिक चरित्रों को हॉलीवुडिया ट्रेंड और स्टाइल में प्रस्तुत करना कितना उचित है यह एक अलग तरह जे बहस का विषय है लेकिन आदिपुरुष में किस प्रकार से राम और रामायण का ट्रांसफॉर्मेशन किया गया है, और उसका क्या है मकसद, आइये जानने की कोशिश करते हैं।
इसका जवाब खुद मनोज मुंतशिर ने एक ट्वीट कर दिया। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि बच्चे अपने राम और हनुमान को पहचानें. यह फिल्म बच्चों के लिए है, तो बड़ा सवाल ये हो जाता है कि आदिपुरुष में जिस कालखंड की कहानी दिखाई गई है, क्या बच्चे उसी कालखंड के राम और हनुमान को जानें? उसके बाद और उसके पहले के राम के चरित्र को भूल जाएं? आखिर उन्होंने किसी और कांड की राम कथा को बच्चों को क्यों नहीं बताना चाहा? बता दें कि प्रभास की इस फिल्म में कई ऐसे प्रसंग हैं, जिन्हें दर्शक पचा नहीं पा रहे हैं। जैसे कि सीता के गले पर चाकू से वार-यह बहुत ही घटिया क्रिएटिव फ्रीडम था, राम और सीता का नौका विहार और मधुर पलों का फिल्मांकन- यह पूरी तरह से कॉमर्शियल था, रावण का अक्सर लंगड़ा कर चलना, उसका डार्क शेड और पूरी लंका को काली दिखाना। रावण का पुष्पक विमान की बजाय चमगादड़ की सवारी करना। सुषेन वैध के बदले एक स्त्री द्वारा मूर्छित लक्ष्मण का उपचार. आदि।

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