छत्तीसगढ़ से बॉर्डर पर भेजी जाएंगी 11 लाख राखियां, पूर्व सैनिकों के एक संगठन ने की पहल
देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात जवानों की कलाई इस रक्षाबंधन पर सूनी नहीं रहेंगी। पूरे देश समेत छत्तीसगढ़ के हर जिले और गांव-गांव में तैयार की गईं इस बार राखियां बॉर्डर तक पहुंचाई जाएंगी।
बिलासपुर। देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात जवानों की कलाई इस रक्षाबंधन पर सूनी नहीं रहेंगी। पूरे देश समेत छत्तीसगढ़ के हर जिले और गांव-गांव में तैयार की गईं इस बार राखियां बॉर्डर तक पहुंचाई जाएंगी। यह अपने आप में एक अनूठा अभियान है, जो आजादी के बाद से लेकर अब तक कभी नही किया गया था। दरअसल, सैनिकों के सम्मान और उत्साह को बढ़ाने के लिए पूर्व सैनिकों के एक संगठन ने इस तरह की पहल की है।
उन्होंने 11 लाख 11 हजार 111 राखियां बनाकर बॉर्डर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए संगठन के पदाधिकारी स्कूली बच्चों के साथ ही अन्य स्वयं सेवी संगठनों को जोड़ रहे हैं। इस अभियान के तहत रक्षासूत्र के साथ ही सभी जवानों के माथे पर तिलक लगाने के लिए एक-एक चुटकी मिट्टी भी जुटाई जा रही है।
पूर्व सैनिकों के संगठन सिपाही के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह राणा का कहना है कि सीमा पर तैनात जवानों की वजह से ही हम अपने घरों में सुकून और सुरक्षित हैं। ऐसे में हमारा फर्ज बनता है कि उन्हें भरपूर प्यार और सम्मान दें। यही वजह है कि इस साल पूरे छत्तीसगढ़ से राखी समेट कर प्रदेश की बहनों का प्यार उन तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इस अभियान के तहत राज्य के हर जिलों से राखियां तैयार कराने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके लिए पूर्व सैनिक, पूर्व सैनिकों के संगठन, सामाजिक संस्थाओं, स्कूलों और आम लोगों को भी इस अभियान से जोड़ा जा रहा है। पूर्व संगठन के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि यह अभियान बिलासपुर के साथ ही जांजगीर-चांपा, कोरबा, मुंगेली, रायगढ़ सहित संभाग के हर जिले में चलाया जा रहा है। इस अभियान को पूरा करने के लिए जो फंड की व्यवस्था की गई है, वह पूर्व सैनिकों द्वारा ही की गई है। इसके लिए किसी से किसी भी तरह शुल्क नहीं लिया जा रहा है।