राजधानी में फिर मंडराया बाढ़ का खतरा, लाल निशान से ऊपर पहुंचा यमुना का जलस्तर

पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से जहां एक तरफ जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है। वहीं भूस्खलन से कई रास्ते बंद हो गए हैं जिससे कई इलाकों का शहर से संपर्क तक कट गया है।

नई दिल्ली। पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से जहां एक तरफ जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है। वहीं भूस्खलन से कई रास्ते बंद हो गए हैं जिससे कई इलाकों का शहर से संपर्क तक कट गया है। उधर नदियों में जल स्तर बढ़ने से मैदानी इलाके भी प्रभावित होने लगे हैं। इस कड़ी में यमुना का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है जिससे देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।

केंद्रीय जल आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में यमुना का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। पुराने रेलवे पुल पर नदी का जलस्तर सोमवार दोपहर तीन बजे तक 203.48 मीटर था जबकि मंगलवार शाम 6 बजे तक ये 204.94 हो गया है। आयोग के मुताबिक यही हाल तीसरे दिन भी रहा। बुधवार की सुबह 5 बजे राजधानी दिल्ली में यमुना का जल स्तर 205.43 मीटर तक पहुंच गया।

इस तरह से बढ़ रहे नदी के जलस्तर को देखते हुए अब राजधानी में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।जानकारी के अनुसार, हरियाणा के यमुनानगर जिले में हथिनीकुंड बैराज पर प्रवाह 30,153 क्यूसेक दर्ज किया गया। वहीं अभी भी हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की पहाड़ियों में हो रही मूसलाधार बारिश के चलते यमुना का जलस्तर बढ़ ही रहा है और इसने 204.50 मीटर के चेतावनी के निशान को पार कर लिया है।

दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि इस तरह से बढ़ रहे जलस्तर से नदी के किनारे निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है, लेकिन स्थिति के गंभीर होने के आसार कम हैं। गौरतलब है कि दिल्ली को जुलाई में बाढ़ से जूझना पड़ा था। 13 जुलाई को नदी का जलस्तर 208.66 मीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। दिल्ली में बाढ़ की वजह से 27,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था। वहीं बाढ़ से करोड़ों का नुकसान हुआ था।

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