रोमांच और आस्था का संगम हैं उत्तराखंड के ये स्थल, आंखों में बस जायेंगे नजारे
देव भूमि के नाम से मशहूर उत्तराखंड अपनी खूबसूरती, शांत वातावरण और मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता के लिए फेमस है। इस राज्य का हर जिला अपने आप में बेहद खूबसूरत है।
देव भूमि के नाम से मशहूर उत्तराखंड अपनी खूबसूरती, शांत वातावरण और मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता के लिए फेमस है। इस राज्य का हर जिला अपने आप में बेहद खूबसूरत है। इस राज्य की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां प्रकृति का आनंद उठाने के साथ-साथ ढ़ेर सारी एडवेंचर एक्टिविटीज भी करने का मौका मिलता है। साथ ही यहां तमाम विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। गर्मी के सीजन में अक्सर लोग परिवार के साथ यहां छुट्टियां मनाने आते हैं। वैसे तो सैलानी नैनीताल, देहरादून, ऑली, रानीखेत और मसूरी जाना पसंद करते हैं, लेकिन देव भूमि में कुछ ऐसी और भी खूबसूरत घाटियां हैं जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। आइये आज हम आपको उनमें से 3 घाटियों के बारे में बताएं जहां जाना आपके लिए एक अलग ही अनुभव प्राप्त करने वाला होगा।
व्यास घाटी
अगर आप भीड़-भाड़ से दूर आध्यात्मिकता और रोमांच की अनुभूति करना चाहते हैं तो आपके लिए बेहतरीन और खूबसूरत स्थल है यहां स्थित ओम पर्वत और आदि कैलास। ये सीमांत जिला पिथौरागढ़ के धारचूला की व्यास घाटी पर स्थित है। यहां पर पहुंचने के आपको पथरीले रास्तों से गुजरना होगा। यहां रास्ते पर मौजूद ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और दूसरी तरफ काली नदी का उफान रोमांच पैदा करने वाला है। यहां पर आप गांव के जीवन का आनंद उठाने के लिए 150 साल पुराने खूबसूरत नक्काशी वाले घरों में रह सकते हैं।
नेलांग वैली
उत्तराखंड का लद्दाख कही जाने वाली नेलांग वैली भी बेहद खूबसूरत है। यहां से आपको तिब्बती पठार का 360 डिग्री वाला दृश्य नजर आता है। साथ ही यहां पर कुछ लुप्तप्राय जीवों, जैसे- कस्तूरी मृग, हिम तेंदुआ, भारल या हिमालयन नीली भेड़ भी देख सकते हैं। यह घाटी समुद्र तल से 11,000 फीट ऊंची है और यहां साल भर बर्फ जमी है। यहां नवंबर और दिसंबर को छोड़कर कभी भी आ सकते हैं। मार्च से जून और सितंबर-अक्टूबर का समय यहां आने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
हर्षिल वैली
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित हर्षिल वैली को इस राज्य का स्वर्ग कहा जाता है। यह घाटी भागीरथी नदी के पास देवदार जंगलों के बीच स्थित है। समुद्र तल से 2660 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ये घाटी बेहद खूबसूरत है। यहां पर आप बर्ड वॉचिंग और ट्रैकिंग भी कर सकते हैं। कहा जाता है कि यहां 500 से भी अधिक पक्षियों की प्रजातियां मौजूद हैं जिनकी चहचहाट कानों को सुकून देने वाली होती है।