Chandrayaan 3: Rover Prgyan ने चांद पर छोड़े ‘अशोक स्तंभ’ और…

लखनऊ: चंद्रयान-3 की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद रोवर प्रज्ञान भी लैंडर विक्रम से बाहर आ गया. लैंडिंग के करीब 2:30 घंटे यानी धूल के पूरी तरह से खत्म होने के बाद प्रज्ञान को इसरो ने विक्रम से बाहर निकाला. प्रज्ञान ने चांद पर अशोक स्तंभ और इसरो के निशान छोड़ दिए हैं. अब असली मिशन शुरू होगा और विक्रम एवं प्रज्ञान मिलकर चांद के दक्षिणी ध्रुव का हालचाल बताएंगे.

इसरो के मुताबिक, रोवर प्रज्ञान लैंडर विक्रम से बाहर आ गया है और उसने चांद पर अशोक स्तंभ और इसरो के निशान छोड़ दिए हैं. प्रज्ञान अब 14 दिन तक चांद पर रहकर स्टडी करेगा और डेटा कलेक्ट करके लैंडर विक्रम को भेजेगा. यहां से सभी जानकारियां  धरती पर बैठे इसरो के साइंटिस्टों को भेजी जाएंगी.

रोवर प्रज्ञान कैसे चांद पर छोड़ रहा देश के निशान?

रोवर प्रज्ञान जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, वह चांद की धरती पर अशोक स्तंभ और इसरो के निशान छोड़ता जा रहा है. प्रज्ञान के पहियों पर इसरो और अशोक स्तंभ के निशान बने हैं, तो जैसे-जैसे वह आगे बढ़ेगा चांद की धरती पर ये निशान छोड़ता जाएगा. इसरो ने चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिग से पहले इसकी जानकारी दी थी. इसमें रोवर के एक तरफ के पहियों पर इसरो का निशान है और दूसरी तरफ के पहियों पर अशोक स्तंभ का निशान बना है.

लैंडिंग के ढाई घंटे बाद क्यों बाहर आया रोवर प्रज्ञान?

चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान काफी धूल उड़ने लगी. वहां गुरुत्वाकर्ष्ण पृथ्वी की तुलना में काफी ज्यादा कम है, जिसकी वजह से पृथ्वी की तरह वहां जल्दी धूल नीचे बैठती नहीं है. इसरो के वैज्ञानिकों ने पहले धूल के बैठने का इंतजार किया और फिर रोवर को नीचे उतारा. अगर उसको लैंडिंग के तुरंत बाद ही उतार दिया जाता तो इसके कैमरों पर धूल जमा हो जाती और रोवर में लगे उपकरणों को भी नुकसान हो सकता था. रोवर को मिशन पूरा करने में समस्या हो सकती थी.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close
Back to top button